Taj Mahal : ताजमहल की असली कहानी क्या है?

क्या है रहस्य ताजमहल का ? आखिर क्या छुपा है? ताजमहल के उन 22 दरवाजों के पीछे। 

Taj Mahal
कुछ लोगों का कहना है कि उनके पीछे हिंदू भगवानों की मूर्तियां हैं। दूसरे कुछ लोग कहते हैं कि उनके पीछे मिलेंगे आपको अच्छे दिन। पहले दरवाजे के पीछे सस्ता पेट्रोल, दूसरे दरवाजे के पीछे एंप्लॉयमेंट अपॉर्चुनिटी। कुछ लोग यह तक कहते हैं कि ताजमहल वास्तव में एक मंदिर है, जिसका असली नाम है तेजो महालय।
ताजमहल को लेकर दो थ्योरी बहुत ही पॉपुलर है। पहली थ्योरी के अनुसार ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा नहीं बनाया गया था। बल्कि इसे बनाया गया था राजा परमार्दी देव के द्वारा 13वीं शताब्दी में।

उसके बाद यह राजा मानसिंह के पास पासडाउन हुआ। फिर इसे शाहजहां ने खरीदा उनके पोते राजा जयसिंह से। 

दूसरी थ्योरी के अनुसार जो ताजमहल के बारे में बताई जाती है, कि शाहजहां ने 20 हज़ार वर्कर्स के हाथ कटवा दिए थे। जिन मजदूरों ने ताजमहल को बनाया था। ताकि ऐसी अदभुत चीज और कोई नहीं बना पाए। पहले थ्योरी के अनुसार ताजमहल बनाया गया था 13वीं शताब्दी में। जबकि दूसरी थ्योरी के अनुसार ताजमहल 17वीं शताब्दी में बना था। ऐसा तो संभव नहीं है कि यह दोनों थ्योरी सच हो। आज हम इस ब्लॉक पोस्ट में इसी के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

ताजमहल का इतिहास

महत्वपूर्ण बिंदु -
 - क्या है ताजमहल का रहस्य? आखिर क्या छुपा है ताजमहल के उन 22 बंद दरवाजों के पीछे? 
- शाहजहां और मुमताज क्या थे उनके असली नाम.?
- क्या ताजमहल एक हिंदू मंदीर था? 
- ताजमहल के शिव मंदीर का रहस्य। 
- ताजमहल किसने बनवाया था? 
- ताजमहल के 22 कमरों के अंदर क्या है? 
- ताजमल को लेकर उठे विवाद क्या है? 

- ताजमहल से पहले वहाँ पर क्या था? 

ताजमहल किसने बनवाया था?

शाहजहां का जन्म हुआ था 5 जनवरी 1592 ई• को। इनका असली नाम था खुर्रम। शाहजहां इनका नाम बाद में दिया गया। जिसका मतलब है King of the world.

इनके पिता सलीम जहांगीर तथा उनकी माता जगत गोसाई थी। दूसरी तरफ मुमताज महल का जन्म हुआ था सन 27 अप्रैल 1593 को। मुमताज महल इनका नाम वास्तव में इन्हें इनकी शादी के बाद मिला था। इनका असली नाम था अर्जुमंद बानो बेगम।

शाहजहां और मुमताज की शादी 1612 ई में हुई थी। शाहजहां की और भी बीवियां थी जैसे की अकबराबादी महल मुमताज, कंदाहरी बेगम।लेकिन यह सभी सादीयां राजनीतिक गठबंधन के तौर पर हुई थी। अर्थात यह जो शादियां की गई थी शाहजहां के द्वारा वो सिर्फ राजनीतिक संबंधों को अच्छे बनाए रखने के लिए की गई थी।


इतिहासकारों के अनुसार बताया जाता है कि शाहजहां को लेकर मुमताज के प्रति जो प्रेम था। वो और सभी बीवियों की तुलना में कहीं ज्यादा था। यही कारण है कि शाहजहां के द्वारा मुमताज को कहीं अधिक तरजीह दी गई। जैसे की मल्लिका-एं-जहां ( The queen of the world)  मुमताज का जो खास महल था उसे शाहजहां ने प्योर गोल्ड और खास पत्थरों से बनवाया था। एक तरफ जहां बाकी बीवियों को मिलाकर शाहजहां का सिर्फ एक बच्चा हुआ। वही मुमताज के कुल 14 बच्चे हुए। लेकिन आधे बच्चे तो जन्म के समय ही मारे गए। उस समय यह आम बात होती थी। उस जमाने में क्योंकी हेल्थ केयर सिस्टम उस समय उतना अच्छा नहीं था। 17 जून 1631 को मुमताज की मृत्यु हो जाती है, अपने 14 में बच्चों को जन्म देते समय। इसी कारण शाहजहां बहुत ही डिप्रैस हो गए और भारी गम में डूब गए। 

इस्लामी परंपरा के अनुसार माना जाता है कि मनुष्य की जो बॉडी होती है। वह मिट्टी में मिल जाती है, लेकिन उनकी आत्मा कब्र में रहती है। आत्मा बाद में जजमेंट डे के दिन जाएगी जहां उसका चुनाव होता है कि वह स्वर्ग में जाएगी या नर्क में। इसलिए कब्र रेस्ट इन पीस (Rest in peace) की जगह मानी जाती है। शाहजहां का मानना था कि मुमताज की रेस्ट इन पीस की जगह बहुत ही ग्रैंड और लाजवाब होनी चाहिए। तब उन्होंने ताजमहल बनाने का निर्णय किया और मोहम्मद उस्ताद लाहौरी को सौप। मोहम्मद उस्ताद लाहौरी ने ताजमहल को डिजाइन किया। 

मोहम्मद् उस्ताद लाहोरी

हजार से ज्यादा हाथियों का प्रयोग किया गया था, बिल्डिंग मैटेरियल्स को ट्रांसपोर्ट करने के लिए विश्व के अलग-अलग कोनो से बिल्डिंग मैटेरियल्स को लाया गया था जैसे कि व्हाइट मार्बल (राजस्थान), Jasper (Panjab), Jade And Crystals (China), Turquoise (Tibet), Sapphire (Sri Lanka), Carnelian (Arabia)।

ताजमहल को बनने में कितना समय लगा

ताजमहल को बनाने में टोटल 22 साल का समय लगा। अप्रॉक्स 22 हज़ार मजदूर प्रतिदिन काम किए इन 22 सालों में तब जाकर दुनियां का यह अजूबा बनकर तैयार हुआ।

ताजमल को लेकर उठे विवाद

ताजमहल 22 कमरों के अंदर क्या है?

ताजमहल की controversy का इतिहास भी बहुत पुराना रहा है। लेकिन recent की बात करें तो हाल ही मे हाल ही में यह तब शुरू हुई। खबरों का हिस्सा बनी जब बीजेपी के राजनेता रजनीश सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में PIL दायर किया की ताजमहल के 22 दरवाजो को खुलवा दिया जाए। यह चाहते थे कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) एक स्पेशल कमेटी बनाए।

जो कि इन 22 दरवाजो के पीछे जाकर देखेगी और ढूंढने की कोशिश करेगी। कि कहीं हिंदू भगवानों की मूर्तियां तो नहीं है यहां पर। इस Petition में कहा गया था कि ताजमहल एक मंदिर है शिव भगवान का ' तेजो महालय '  नाम से। और इन दरवाजों को खुलवा दिया जाय। लेकिन कोर्ट ने इस मुकदमें को खारिज कर दिया। और कोर्ट ने कहा हिस्टोरिकल रिसर्च करना हिस्टोरियन का काम है। और इसके लिए प्रॉपर Methodology फॉलो की जानी चाहिए।

ASI के शोर्षो ने ऑलरेडी इंडियन एक्सप्रेस को बता दिया है। यह जो 22 रूम हैं वास्तव में ये रूम से नहीं है। बल्कि एक लंबा सा कॉरिडोर है। जिसके आगे दरवाजे लगाए गए हैं। अब यह ऐसे दरवाजे नहीं है जिन्हे सदियों से कभी नहीं खोला गया हो। ASI के कर्मचारी इसे हमेशा हर एक दो हफ्तों में जाकर उनकी सफाई करते हैं। ताजमहल एक वर्ल्ड हेरिटेज है। इस पेटीशन के डिसमिस हो जाने के बाद भी। ये डिबेट बंद नहीं हुई कुछ न्यूज़ चैनल वालों ने इसे जबरदस्ती जारी रखा। इसलिए एएसआई ने इस पूरी डिबेट को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए। इन बंद कमरों की फोटो सोशल मीडिया पर पब्लिश कर दी। आप इसे एएसआई के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैं

क्या ताजमहल एक हिंदू मंदीर था?

अप्रैल 2015 में आगरा कोर्ट में 6 वकीलों के द्वारा फाइल पेटीशन की गई की ताजमहल वास्तव में एक शिव मंदिर है। उन्होंने कोर्ट से अनुमति मांगी कि हिंदुओं को वहां पर वरशिप करने की अनुमति दी जाए। इनके अकॉर्डिंग ताजमहल राजा परमार्दी देव ने बनवाया था सन 1212 में। बाद में विरासत में राजा मानसिंह ने इसे पाया इसके बाद इस प्रॉपर्टी को होल्ड किया गया राजा जयसिंह के द्वारा। तब शाहजहां ने 1637 ईस्वी में इसे खरीद लिया और मुमताज की मृत्यु के बाद इस मंदिर को कन्वर्ट कर दिया एक मेमोरियल में मुमताज के लिए। फिर कोर्ट ने सरकार तथा ASI को कहा कि आप इस क्लेम को लेकर अपनी रिपोर्ट सबमिट करें सरकार ने अपनी रिपोर्ट में इस क्लेम को ख़ारिज कर दिया। नवंबर 2015 में यूनियन कल्चरल मिनिस्टर महेश शर्मा ने लोकसभा में बताया। सरकार को आज तक कोई ऐसा सच नहीं मिला की ताजमहल एक हिंदू टेंपल था। एएसआई का भी यही कहना था। 2017 में एएसआई ने कहा था कि ताजमहल एक Tomb है ना कि Temple. 

ताजमहल से पहले वहाँ पर क्या था?

ASI ने राजा जयसिंह वाली कहानी को भी क्लियर करते हुए कहा कि जमीन उनसे छीनी नहीं गई थी। बल्कि ली गई थी एक्सचेंज में। अलग-अलग किताबों के शोर्ष के द्वारा हमें पता चलता है कि राजा जयसिंह और शाहजहां के बीच एक फ्रेंडली रिलेशन था। 

राजा जयसिंह वास्तव में उसी जगह पर रहते थे। जहां पर यह ताजमहल बनाया गया था। राजा जयसिंह, शाहजहां को जमीन फ्री में देना चाहते थे मुमताज की Tomb बनाने के लिए।

लेकिन शाहजहां ने इसके बदले राजा जयसिंह को चार हवेलियां दी। यह जो दोनों के बीच बदला बदली हुई। उसे पेपर में रिकॉर्ड भी किया गया था जो कि आज के दिन भी इसे जयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में रखा गया है।

अब सवाल यह उठता है कि हिंदुओं का एक मंदिर हुआ करता था ताजमहल की जगह तेजो महालय नाम से। लेकिन इसका तो आज तक कोई साक्ष्य ही नहीं मिला है। तो यह बात किसने फैलाई की ताजमहल की जगह एक मंदिर था। तो इसका जवाब है  P.N. ओक
 ये वो इंसान थे। जिन्होंने पहली बार तेजो महालय के क्लेम को उठाया था। जबकि यह कोई इतिहासकार भी नहीं थे। फिर आता है 2010 जब व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की शुरुआत होती है। P.N. ओक की मनगढ़ंत थ्योरी लोगों के द्वारा बार-बार फॉरवर्ड होकर लोगों तक पहुंचती है। और लोग इसे सच मान बैठते हैं। 

शाहजहां ने अपने मजदूरों के हाथ क्यों कटवा दिये थें.?

एक और क्लेम किया जाता है शाहजहां के बारे में की शाहजहां ने अपने मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे। ताजमहल बनने के बाद ताकि ऐसी अनोखी चीज और कोई ना बना पाए। लेकिन हिस्टोरिकली देख तो इतिहास में ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। और ना ही किसी किताब में मेंशन किया गया है। इस चीज का आज तक कोई एविडेंस नहीं मिलता है। वास्ताव में हुआ क्या था ताजमहल बनने के बाद शाहजहां ने मजदूरों से एक पूरा का पूरा नया इंपीरियल बनवाया शाहजहानाबाद ( Old Delhi) तो जरा सोच कर देखें ताजमहल, जामा मस्जिद, लाल किला सब लगभग सेम टाइम में बने हैं। अगर शाहजहां ने मजदूरों के हाथ काट दिए होतो । तो यह सब इतनी बड़ी-बड़ी चींजे फिर कैसे बना पाते। शाहजहां के शासनकाल को मुगल वास्तुकार (आर्किटेक्चर) का पीरियड माना जाता है। यह तभी संभव है, क्योंकी शाहजहां ने अपने मजदूरों का आदर किया।

ताजमहल की विशेषताएं

ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। तथा यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में भी शामिल है। ताजमहल संगमरमर के पथरों से बनाया गया है। दुनिया भर से लोग इसे देखने आते हैं हर रोज लाखों लोग ताजमहल को visit करते हैं। सही मायने में यह इंडिया की शान है।

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धन्यवाद। 

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