मालदीव भारत के खिलाफ क्यों..?
मालदीव का काउंटडाउन हम तब से कर रहे हैं जब से वहां के राष्ट्रपति मुइज्जू बने हैं। उन्होंने अपने शपथ लेने से 15 दिन पहले ही कहा था, कि मैं सारे भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकाल दूंगा। दोस्तों बता दे कि इन सब के पीछे चीन का हाथ है, यह तो हम सब जानते हैं। मोहम्मद मुइज्जू ने अपने भाषण में कहा था। कि मैं किसी से नहीं डरता। मैं मालदीव फस्ट की बात करता हूं। भारत या चीन की नहीं। किंतु अब मालदीव के प्रधानमंत्री मुइज्जू ने भारत से अपने संबंधों को तोड़कर चीन से हाथ मिला लिया है। या कहें की वह चीन से बिक गया है या फिर वह चीन से दोस्ती कर ली है, बात एक ही है।
अब खबर सामने आ रही है कि चीन मालदीप को फ्री में सैन्य सर्विस देगा। अर्थात अब चीनी सैनिक हिंद महासागर में आकर मालदीव की रक्षा करेंगे। 4 मार्च को भारत और मालदीव के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो चुका है और चीनी सैनिक मालदीव के तट पर आगे अपने लड़ाकू जहाज को खड़े कर चुके हैं। एक चींटी के बराबर देश जिसमें लगभग 6 लाख से भी कम जनसंख्या रहती है वह चला है चीन से दोस्ती करने। इसे समझ नहीं आ रहा है कि अब इसका भी वही हाल होने वाला है। जो पिछले दिनों श्रीलंका का हुआ था जो पूरी तरह से आपातकाल की स्थिति में आ गया था और वह भी पहले चीन का बहुत अच्छा दोस्त हुआ करता था।
चीन की क्या है पूरी रणनीति
भारत और चीन के बीच पहले से ही संबंध अच्छे नहीं रहे हैं चीन मोतियों की माला नीति के तहत भारत को सभी तरह से गिरना चाहता है पूर्व से बांग्लादेश का चटक बंदरगाह पश्चिम में पाकिस्तान का बॉर्डर बंदरगाह उत्तर में सियाचिन दक्षिण में श्रीलंका का हमला तोता बंदरगाह और अब मालदीप को भी अपने अंदर में लेने की प्लानिंग कर रहा है चीन चीन ने मालदीप को फ्री सैया सर्विस देने का ऐलान कर 4 मार्च को एग्रीमेंट भी पूरा कर लिया है और अपनी नौसेना की जहाज को मालदीव के पास लाकर खड़ा कर दिया है।
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भारत ने भी मालदीव को करारा जवाब देने के लिए क्या किया है प्लान
भारत ने भी इसको देखते हुए कड़ा एक्शन लिया है। भारत ने लक्ष्यदीप पर INS Dweeprakshak के साथ INS Jatayu की तैनाती कर दी है। भारत ने मॉरीशस देश के Agalega Island पर अपना खुद का मिलिट्री बेस बना रखा है। जहां से मालदीव को आसानी से काउंटर किया जा सकता है।