जापान ने पूरी दुनिया को चौंकाया, चांद पर कर दिखाया यह कारनामा

जापान ने वो कारनामा करके दिखाया है जिससे आपको जापान की टेक्नोलॉजी पर बहुत ही गर्व होगा। पश्चिमी देशों के बाद में जापान ही एकमात्र ऐसा पहला देश है जिसने पूरी दुनियाँ में  अपनी टेक्नोलॉजी में दबदबा बनाया है। आपने अपने आसपास बहुत सारे ऐसे स्टूमेंट देखे होंगे जो जापान के ही ब्रांड होंगे। हाल ही में जापान ने एक बार फिर वह कारनामा करके दिखा दिया जिससे लोग मान गये टेक्नोलॉजी हो तो जापान जैसी।

JAXA, Slim mission


japan slim moon mission

आज से लगभग कुछ महीने पहले जापान ने चंद्रमा पर एक अपना स्लिम ( Moon Sniper ) मिशन भेजा था। 4 सितंब 2023 में भेजा गया यह मिशन लैंडिंग के मेंन पॉइंट से 55 मीटर दूर लैंडिंग करता है। जापान जब अपना Slim मिशन भेजा था तो उस समय दुनिया में बहुत शुमार हुआ था जैसे कि इंडिया ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग कराया था। जापान का Slim मिशन सफलतापूर्वक लैंड हो तो गया लेकिन वहां से वापस सिग्नल नहीं भेज पाया। बाद में पता चला इन्होंने जिस जगह अपना मिशन भेजा है वहां पर लैंडिंग करने के बाद उसका सोलर पैनल ओपन नहीं हुआ। इस मिशन में कुल 831 करोड रुपए का खर्चा आया था। सूर्य की रोशनी जिस दिशा में आती है उसके ऑपोजिट दिशा में इसके सोलर पैनल पड़े रह गए। चार्जिंग नहीं मिल पाई इसलिए इनका यह मिशन वहीं पर डेड हो गया। 

jaxa slim update

लेकिन अब फिर से जापान का स्लिम (Moon Sniper) मिशन जिंदा हो गया है। 4 सितंबर 2023 को भेजा गया यह मिशन जनवरी में लैंड करता है। फिर उसके बाद चाँद पर दो रातें गुजारने के बाद वापस से फिर से जिंदा हो गया। आपको बता दें की चांद पर एक रात पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होती है। उन 14 - 14, 28 दिन को पार करके इनका यह मिशन फिर से जिंदा हो गया। -137 डिग्री से ज्यादा का तापमान हो जाता है रात को चंद्रमा पर। इस कड़कती ठंड को भी इनका यह स्लिम मिशन जीवित रह गया यह अपने आप में एक बड़ी बात है। जो चंद्रयान-3 नहीं कर पाया चंद्रमा पर एक रात काटने के बाद अपने सोलर पैनल को एक्टिव नहीं कर पाया। वह जापान का यह मिशन चंद्रमा पर दो रातें काटने के बाद यानी 28 दिन के बाद फिर से जिंदा हो गया। जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने 28 मार्च को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसकी जानकारी शेयर करते हुए बताया कि हमारा चांद पर भेजा गया SLIM मिशन फिर से जिंदा हो गया है और वह अब चंद्रमा की तस्वीर भी भेजने लगा है। 

JAXA, Slim mission

जापान के मून मिशन का उद्येश्य चंद्रमा की सतह के नीचे की गहरी परत की जांच करना है। जापान के चंद्रयान के जागने की खबर ऐसे समय आई है जब कुछ दिन पहले ही एक अमेरिकी लैंडर ओडीसियस ऐसा करने में फेल रहा था। ओडीसियस चांद पर सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला निजी अंतरिक्ष यान था। शनिवार को ओडीसियस के निर्माता ने बताया कि इसके सौर पैनलों को रेडियो चालू करने के लिए पर्याप्त सूर्य की रोशनी प्राप्त करने का अनुमान लगाए जाने के बाद भी इसे फिर से जिंदा नहीं किया जा सका।

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