इजराइल-हमास युद्ध : अंततः अमेरिका ने छोड़ दिया इजराइल का साथ।

israel hamas war 

इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए प्रस्ताव पास कर लिया गया है। यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) जिसे दुनिया की सबसे बड़ी पावरफुल काउंसिल माना जाता है। जिसके अंदर 10 अस्थाई तथा पांच स्थाई सदस्य होते हैं। यह काउंसिल फाइनली प्रस्ताव पास करवाने में कामयाब हुई। इस काउंसिल के परिणाम स्वरुप संभवतः इजराइल तथा हमास के बीच चल रहे इतने दिनों से संघर्ष को रोकने में कामयाबी मिलेगी। क्योंकि इजराइल अब अगर यूनाइटेड नेशन (UN) की बात नहीं मानता है तो और भी देश UN के माध्यम से इजराइल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर सकते हैं। 

इजराइल-हमास युद्ध

दोस्तों आपको पता होगा कि इजराइल तथा हमास के बीच काफी दिनों से चल रहे युद्ध संघर्ष की कीमत बहुत से मासूम लोगों ने चुकाई है। फिर चाहे वो इजराइल के लोग हो या फिर इजराइल के द्वारा मारे गए हमास के लोग हो। युद्ध को लगभग 71 दिन बीच चुके है। और ये युद्ध लगातार सात अक्टूबर 2023 से चला आ रहा है। फाइनली आज जाकर इनके बीच सिचुएशन बनी है कि दुनिया ने इन दोनों के बीच युद्ध को खत्म करने की कसम खा ली है। 

आंकड़ों की बात करें तो इजराइल और हमास के बीच चल रहे इस लड़ाई में लगभग अभी तक 32000 लोगों की जाने जा चुकी है। 80000 से ज्यादा हमास लोग के घायल हो चुके हैं। तथा 10000 से ज्यादा की संख्या में इजराइल के लोग घायल हो चुके हैं। इस युद्ध में मारे जाने वाले लोगों में 10000 बच्चे हमास के शामिल है तथा 3000 इजरायल के बच्चे शामिल हैं। इसी कारण से यह सुर्खि बनकर सामने आई है की अब यूनाइटेड नेशन ने भी कड़ा एक्शन लिया है। UN में गांजा सीज फ़ायर का प्रस्ताव पास कर लिए गया है।

इजराइल तथा हमास के बीच अमेरिका लगातार इजरायल के साथ बना रहा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन को उनके अपने ही देश में काफी क्रिटिसिजम झेलनी पड़ी कि आप ही इन सबके जिम्मेदार है। आपकी सत्ता शायद अब रिपीट नहीं कर सकती है।दोस्तों आपको भी पता है कि अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन ने अपनी सत्ता बचाने के लिए इजराइल का साथ छोड़ दिया। यूनाइटेड नेशन में गांजा सीज फायर प्रस्ताव दौरान अमेरिका ने वोटिंग डालने से साफ मना कर दिया। यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में इस प्रस्ताव को पास होने दिया। 

यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में कुल 15 मेंबर होते हैं। जिसमें से 10 अस्थाई तथा पांच स्थाई होते हैं। पांच स्थाई सदस्यों में से अगर कोई भी सदस्य किसी भी प्रस्ताव को पास करने से इनकार कर देता है। तो वह प्रस्ताव रद्द हो जाता है। जिसे वीटो करना कहते हैं। ऐसे में इजरायल के खिलाफ जब भी कोई प्रस्ताव लाया जाता था। तो अमेरिका उसे वीटो करके रद्द कर देता था। लेकिन इस बार अमेरिका ने वोट डालने से साफ इनकार कर दिया। इजरायल युद्ध को रोकना नहीं चाहता है। उसका यही कहना है कि हमास जब तक हमारे सारे बंधकियों को छोड़ नहीं देता है। तब तक हम युद्ध को जारी रखेंगे। इससे पहले भी यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में युद्ध विराम के लिए तीन बार प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन अमेरिका ने वीटो करके तीनों बार प्रस्ताव को रोक दिया था। 

तीन महत्वपूर्ण डिमांड है यहां पर पहला युद्ध विराम किया जाए दूसरा जितने भी बंधक बनाए गए हैं उन सब को छोड़ दिया जाए तीसरा यूनाइटेड नेशन के द्वारा पीड़ित लोगों के लिए जो भी सहायता भेजी जाती है उसे जाने दिया जाए। 

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UNSC की वोटिंग से अमेरिका के पीछे हटने पर इजराइल ने नाराजगी जताई है। अमेरिका के वीटो नहीं करने पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वॉशिंगटन जा रहे इजराइली डेलिगेशन की यात्रा रद्द कर दी। इसके अलावा इजराइली विदेश मंत्री काट्ज ने कहा- हम फायरिंग बंद नहीं करेंगे। हम हमास को तबाह कर देंगे और तब तक जंग लड़ते रहेंगे जब तक हर एक बंधक रिहा होकर घर नहीं लौट जाता।

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