पीएम मोदी ने किया आचार संहिता का उलंघन। जानिए क्या होती है आचार संहिता.?
आचार संहिता का क्या मतलब होता है?
आचार संहिता लगने के बाद सत्ता वाली पार्टी किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, योजनाओं की घोषणा, परियोजनाओं का लोकार्पण या भूमि पूजन के कार्यक्रम नहीं कर सकती है। सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। कुल मिलाकर सीधी से बात कहें तो आचार संहिता लगने के बाद आप प्रसार के लिए सरकारी सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। चुनाव प्रचार में जो भी खर्च होंगे वह चुनाव पार्टी करती है। फैक्ट यह है की चुनाव प्रसार में आप किसी भी प्रकार के सरकारी सिस्टम का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
यही सारा खेल है जिसके चलते आज यह मैटर आपके सामने आया है। नीचे आपको तस्वीर में वायु सेवा का हेलीकॉप्टर दिखाई दे रहा है। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी उतारते हुए देख रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के एमपी ने मॉडल कोड आफ कंडक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है उसमें लिखा है कि सरकारी चुनाव प्रसार के लिए किसी भी सरकारी सुविधा का उपयोग नहीं किया जा सकता है। ऐसा किए जाने पर आपको चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई जा सकती है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या एक हेलीकॉप्टर का उपयोग करने पर प्रधानमंत्री मोदी पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगेगी। यह सवाल बहुत ही बड़ा है और यह कनेक्ट होता है इंदिरा गांधी से क्योंकि इंदिरा गांधी के द्वारा सरकारी मशीनरी का उपयोग करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाए दी थी।
क्या है पुरा मामला इसे विस्तार से समझते है।
टीएमसी सांसद सकेत गोखले ने पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग में आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराया है। गोखले का आरोप है कि पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश के पलनाडु में लोकसभा सीट चिलकलूपीरेट मैं एक चुनावी रैली में भाग लेने के लिए वायुसेना के लिए प्राप्त का इस्तेमाल किया।
16 मार्च को आचार संहिता लग गई थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 17 मार्च को पलनाडु जिले में एनडीए की चुनावी सभा को संबोधित करने गए थे। रैली के सामने आए वीडियो में वह वायु सेना के हेलीकॉप्टर से उतरते नजर आए थे।
दोस्तों बता दे की सन 1975 में इंदिरा गांधी के समय भी ऐसा ही कुछ मामला देखने को मिला था। इंदिरा गांधी ने चुनावी प्रचार में एक सरकारी ऑफीसर तथा सरकारी मशीनरी का प्रयोग किया था। जिसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनपर पाबंदी लगा दी तथा 6 साल तक किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं बैठ सकती है ऐसा आदेश दिया था।
अब बड़ा सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री सरकारी मशीनरी का उपयोग नहीं कर रहे हैं.? क्या प्रधानमंत्री सरकारी ऑफिसर्स का उपयोग नहीं कर रहे हैं. ?
तो दोस्तों बता दे की चुनाव आयोग ने अपने इंटरेक्शन संख्या 79 में एयरक्राफ्ट के यूज़ को लेकर यह स्पष्ट किया हुआ है की चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री को एयरक्राफ्ट का उपयोग अलाउड है। यह 1999 का आदेश है। चुनावी प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री भी इस एयर क्राफ्ट का यूज़ नहीं कर सकते हैं यह सिर्फ देश के प्रधानमंत्री के लिए अलाउड किया गया है।
यानी प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा मॉडल कोड आप कंडक्ट का उलंघन करने का जो आरोप है। इस आधार पर गलत साबित होता है। हालांकि इसको लेकर विपक्ष चुनाव आयोग से बात जरूर कर रहा है। लेकिन इसका कोई महत्व नहीं है।
इसी बीच में कांग्रेस ने एक शिकायत और की और कहा मॉडल कोड आफ कंडक्ट का उल्लंघन बीजेपी ने एक तरह से और किया है। कांग्रेस ने कहा सभी के पास एक मैसेज गया है।
हो सकता है यह मैसेज आपके पास भी गया हो। विकसित भारत संपर्क करके आपके व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया होगा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा एक पत्र आप सबको प्रेषित किया गया है। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी अपनी बातें लिख रहे हैं। प्रधानमंत्री के द्वारा यह 15 मार्च को भेजा गया है। लेकिन यह 17 मार्च तक भी लोगों तक पहुंचता रहा है। जबकि 16 मार्च को ही आचार संहिता लागू हो गई थी। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने BJP पर आचार संहिता का उल्लंघन का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय के पास सभी लोगों के नंबर कैसे पहुंचे अब एक बड़ा यह विषय है। इस पर हालांकि अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं किया गया है। आप इस विषय पर क्या सोचते हैं हमें कमेंट करके जरूर बताइए।
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