Bangalore Water Crisis : बैंगलोर में भारी जल संकट
दोस्तों आज हम एक ऐसे विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं। जो बहुत ही गंभीर है। आपको भी पता होगा कि बेंगलुरु में काफी दिनों से पानी की समस्याएं बढ़ रही है। बेंगलुरु में आधे से अधिक बोरवेल (नलकूप) सूख चुके हैं। वही बोरवेल जिससे जमीन से पानी निकाला जाता है, और लोगों को पिलाया जाता है। बेंगलुरु कोअगर 100% पानी की आवश्यकता है। तो 33% पानी की सप्लाई बाधित हो चुकी है।
"जल ही जीवन है" यह कहानी या स्लोगन हमने पहले सुनी तो थी। लेकिन आज संभवत हम इसे रिलाइज भी कर पा रहे हैं। देश के तीसरे सबसे बड़े शहर और सबसे शिक्षित शहर बेंगलुरु के लोग जहां पर हजारों की संख्या में IT कंपनियां , शिक्षण संस्थान है। यहां के लोग यह बातें सिर्फ सुनी ना होती बल्कि अपने जीवन में इंप्लीमेंट भी की होती तो आज ऐसा देखने को नहीं मिलता। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं। क्योंकि बेंगलुरु में जो पानी की समस्या आई है। उससे पहले की आप आप यह तस्वीरें देखिए।
जिस पानी के लिए बेंगलुरु के लोग आज तरस रहे हैं। वही पानी कुछ दिनों पहले उनके घर तक खुद पहुंचा था। यह खबर पुरानी नहीं है यह 7 नवंबर 2023 की खबर है। जब बेंगलुरु के अंदर पानी में गाड़ियां डूब रही थी। यह पानी और कहीं का नहीं था बल्कि यह पानी बारिश का था। बाढ़ के रूप में आया था। तब देश में सुर्खियां बनी थी की बाढ़ में डूब गया बेंगलुरु। नवंबर 2023 में जो लोग पानी से परेशान थे आज पानी के लिए परेशान है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां पर CM के घर भी पानी टैंकरों से आ रहा है। अंदाजा इस बात से लगाइए कि यहां पर प्लानिंग करने वालों के पास भी कोई प्लानिंग नहीं है। गवर्नमेंट स्कूल बंद हो रहे हैं। कंपनियां कह रही हैं, वर्क फ्रॉम होम करिए हम आपको अपनी और नहीं पिला सकते हैं। सरकार ने तो स्विमिंग पुल में पीने के पानी को डालने पर भी पेनल्टी लगा दिया है। आपको 600 से 6000 तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।
बेंगलुरु में कहां से आता है पानी।
पानी की किल्लत इतनी बढ़ गई है,पानी के लिए लोग की लंबी-लंबी कतारे लगा रहें है। टैंकर वाले पानी को दुगुने दामों में बेच रहे हैं। सरकार प्रयास कर रही है टैंकर्स के दामों को फिक्स कर दिया जाए। ताकि इसे लोग महंगे दामों में न बेचें।बेंगलुरु में अगर 200 करोड़ लीटर पानी की जरुरत होती है। तो 145 करोड़ लीटर पानी कावेरी नदी से आता था। और 55 करोड़ लीटर पानी बोरवेल से निकाला जाता है। अब ये बोरवेल सूख चुके हैं। बेंगलुरु जल निगम ने शहर में 257 ड्राई स्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां पीने के पानी की किल्लत है।