लोक सभा चुनाव : मैं 2024 , 2029 के नही बल्कि 2047 की तैयारी कर रहा हुँ : PM मोदी

लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख़ों की घोषणा, जानिए कब और कितने चरणों में होगा मतदान, कब आएंगे नतीजे?

लोक सभा चुनाव


सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि चुनाव आयोग अब 18वीं लोकसभा के आम चुनाव की तारीख की घोषणा कर चुका है। यह चुनाव कई चरणों में कराया जाएगा।
अलग-अलग चरणों पर चुनाव कराने जाने पर किस किस को फायदा होगा।
क्यों अपोजिशन कह रहा है की अलग-अलग फेजेस में चुनाव कराए जाने पर बीजेपी को अल्टीमेटली फायदा होगा। इसी बीच में प्रधानमंत्री का एक बयान बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है। जहां हम 2024 में 18वीं लोकसभा चुनाव की बात कर रहे हैं। 2029 में वन नेशन वन इलेक्शन की बात कर रहे हैं। वहीं पर प्रधानमंत्री का बयान आया कि मैं 2029 का नहीं बल्कि 2047 की तैयारी में हूं। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान चुनावी माहौल को एक अलग दिशा दे दी है।

भारत के अंदर 19 अप्रैल से लेकर 4 जून तक कुल मिलाकर सात चरणों में चुनाव होंगे। 4 जून को परिणाम आएगा और नई सरकार किसकी बनेगी पता चल जाएगा।
चुनाव की घोषणा हुई और आचार संहिता लागू हुई। पता चला की सात चरणो में मतदान किया जाएगा। इसको लेकर कांग्रेस ने अपना बयान दिया की "यह लास्ट चांस है लोकतंत्र को बचाने का" साथ ही में कांग्रेस ने यह भी कहा की इससे बीजेपी को फायदा होगा। आज किस ब्लॉक पोस्ट में हम इसे विस्तार से समझते हैं।

भारत में लगभग 140 करोड लोग निवास करते हैं और यहां पर कुल मिलाकर लगभग साढ़े 97 करोड़ वोटर्स है। जो इस बार लोकसभा चुनाव में 28 राज्य तथा 8 UT से आकर वोट देने जा रहे हैं। इन 28 राज्य तथा 8 UT का जो चुनाव है वह लोकसभा के 543 सीटों के लिए होने जा रहा है। चुनाव 19 अप्रैल से लेकर 4 जून तक सात चरणों में कराया जाएगा। और इसके साथ यह भी जानकारी निकलकर सामने आई की लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्य ऐसे हैं। जिनमें राज्यों में भी विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे जिसमें आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश, तथा सिक्किम शामिल है। दोस्तों इस बार हमें पता है कि लोकसभा चुनाव 543 सीटों पर किया जाना है लेकिन चुनाव आयोग ने अपने शेड्यूल में 544 सीटों पर चुनाव का ऐलान किया है। अब क्या है यह मामला क्या कही पर एक सीट किसी राज्य में बढ़ाई गई है। तो इसका जवाब है कि अबकी बार मणिपुर राज्य में एक ही लोकसभा सीट के लिए दो अलग-अलग तारीखों में चुनाव किया जाएगा। इसलिए सीटें 543 न होकर 544 दिखाया गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि आप भी जानते हैं कि काफी दिनों से मणिपुर में दंगे फसाद का माहौल बना हुआ है।
इस बार 18वीं लोकसभा चुनाव में लगभग 97 करोड लोग वोट देंगे। जिनमें से 49.7 करोड़ पुरुष 47.1 करोड़ महिला है। इंटरेस्टिंग खबर यह है कि इसमें पहली बार 1.8 करोड़ ऐसे वोटर हैं जो 18 और 19 साल के बीच में हैं। लगभग 20 करोड़ मतदाता यूथ हैं तथा 2.5 लाख ऐसे लोग हैं जिन्होंने 100 साल की उम्र पार कर ली है। सोच कर देखिए किसी देश में 97 करोड लोगों को वोट दिलाना हो वो भी मात्र 45 दिनों के अंदर तो यह इलेक्शन कमीशन का कितनी बड़ी जिम्मेदारी होगी। 85 प्लस तथा दिव्यांग लोगों के लिए घर पर बैठे हुए वोट देने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है घर से फॉर्म भर के लिए वोट दे सकते हैं।

इसी बीच  प्रधानमंत्री मोदी का एक बयान बहुत भी वायरल हो रहा है। मोदी जी ने इंडिया टुडे कांक्लेव में कहा की मैं 2024 ,  2029 की नही बल्की  2047 के लिए तैयार कर रहा हूं। इस लाइन की मीनिंग समझ लीजिए। 2029 के चुनाव को लेकर वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर देश में लम्बे समय से बहस चल रही है। 2047 की क्या कहानी है ? आपको याद होगा की भारत 2047 में 100 वर्ष अपनी आजादी के पूर्ण कर लेगा। 100 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री का जो टारगेट है। की भारत 2047 तक डेवलप कंट्री बन जायेगा। इन्होंने कहा कि मैं 2047 को ध्यान में रखकर वर्तमान मे काम कर रहा हूं। देश तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने वाली है उसके उपर काम कर रहा हूं।  प्रधानमंत्री के इस बयान को लोगों ने इस प्रकार से लिया की यह इस चुनाव को जीत रहे हैं यह तो घोषणा कर रहे हैं।  2029 में भी जीत जाएंगे और अब तो इनकी सत्ता कभी जाएगी ही नही। इसको लेकर अपोजिसन के द्वारा काफी बहस बाजी हुई। इसी बीच चुनाव की तारीख निर्धारित हुए और पता चला की अबकी बार कुल सात चरणो मे मतदान कराया जाएगा। इसको लेकर कांग्रेस की तरफ से एक बयान आया की यह लास्ट चांस है लोकतंत्र को बचाने का।

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भारत में आचार्य संहिता।

जैसी ही चुनाव आयोग चुनाव की तारीख की घोषणा करता है उसी समय से आचार्य संहिता को लागू कर दिया जाता है। आचार्य संहिता में राज्य सरकार के प्रशासनिक शक्तियां चुनाव आयोग के पास चली जाती है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अपोजिशन पार्टी तथा सत्ता वाली पार्टी दोनों को एक जैसा ट्रीट किया जाता है यानी कि सत्ता में जो पार्टी है वह आचार संहिता लगने के बाद अपने चुनाव प्रचार में सरकारी पैसे को व्यय नहीं कर सकती है। आचार संहिता लगने के बाद वह जो भी अपना प्रचार प्रसार करेगी वह अपने पार्टी के फंड से करेगी ना कि सरकारी फंड से। आचार संहिता फ्री एंड फेयर चुनाव कराने के लिए लागू किया गया कानून है। 
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